दिल्ली: बीमार का इलाज क्या होगा जब अस्पताल ही बीमार! सफदरजंग के गलियारे में भर गया बरसाती पानी


देश की राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से आई हालिया तस्वीरें हैरान कर देने वाली हैं।


दरअसल, भारी बारिश के बाद अस्पताल के H-Block के गलियारे में पानी भर गया, जिससे मरीजों और उनके साथ आए लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।


गलियारे में पानी, मरीजों की हालत और खराब


वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग गंदे और भरे हुए पानी के बीच से होकर गुजर रहे हैं।


ये जगह मनोचिकित्सा विभाग के पास वार्ड नंबर 41 के सामने की बताई जा रही है, जहां पानी जमने की वजह से वहां से आना-जाना मुश्किल हो गया।


अस्पताल ने दी सफाई, बताया ये था कारण


वहीं, इस मामले पर सफदरजंग अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में किसी हिस्से में निर्माण काम चल रहा है, जिसकी वजह से कुछ देर के लिए पानी रुक गया था।


लेकिन, इसे थोड़ी देर बाद साफ कर दिया गया और कामकाज में कोई बड़ी परेशानी नहीं आई।


जलभराव के विरोध में AAP का प्रदर्शन


इसके अलावा, दिल्ली में लगातार हो रही बारिश और जगह-जगह जलभराव को लेकर आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।


फिलहाल, 'आप' पार्षदों ने बुधवार को मेयर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया और भाजपा पर लापरवाही के आरोप लगाए।


गौर करने वाली बात ये है कि, 'आप' पार्षदों ने आरोप लगाया कि एमसीडी हर साल मानसून से पहले नालों की सफाई के बड़े-बड़े दावे करती है, मगर, जब बारिश आती है तो हकीकत कुछ और ही दिखती है।


उन्होंने कहा कि अभी भी कई इलाकों में गंदा पानी भरा है और राहत कार्य धीमा है।


‘कम बारिश में भी पूरी दिल्ली डूबी क्यों?’ - ‘आप’ ने सवाल उठाया


वही, 'आप' के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2024 की तुलना में इस साल अभी तक बहुत कम बारिश हुई है, फिर भी दिल्ली डूब गई।


उन्होंने पूछा कि जब करोड़ों रुपये डी-सिल्टिंग यानी नालों की सफाई पर खर्च हुए, तो फिर ये पानी कहां से आया?


भाजपा का पलटवार: आपकी सरकार ही जिम्मेदार


इधर, भाजपा की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने पलटवार करते हुए कहा कि सौरभ भारद्वाज सिर्फ मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।


उन्होंने कहा कि खुद केजरीवाल सरकार ने हाई कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद नालों की सफाई का थर्ड पार्टी ऑडिट नहीं करवाया।


लोगों को भुगतनी पड़ रही है लापरवाही की सजा


कहना गलत नहीं होगा कि, दिल्ली में हर साल बारिश के साथ ही जलभराव की वही कहानी दोहराई जाती है।


चाहे अस्पताल हो या सड़कें, जनता को सरकारी लापरवाही की कीमत भुगतनी पड़ती है।


और अब जब अस्पताल जैसे गंभीर जगह में भी ऐसा हाल हो, तो हालात वाकई गंभीर माने जा सकते हैं।


बहरहाल, 'आप' क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।


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