एक्टर आर माधवन सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, साउथ की फिल्मों में भी जाना-पहचाना नाम हैं। उनकी एक्टिंग के साथ-साथ उनके विचार भी उतने ही बैलेन्स्ड होते हैं।अब जब देश में फिर से भाषा विवाद को लेकर बहस शुरू हो चुकी है, तो इस मुद्दे पर आर माधवन का बयान सामने आया है।उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्हें किसी भी भाषा से कोई समस्या नहीं है, और न ही उन्होंने कभी ऐसा महसूस किया कि किसी भाषा के कारण उनके साथ भेदभाव हुआ हो।दरअसल, आर माधवन इन दिनों अपनी नई फिल्म आप जैसा कोई के प्रमोशन में बिज़ी हैं, जो नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुकी है। फिल्म में उनके साथ फातिमा सना शेख हैं, और ऑडियंस से इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है।इसी फिल्म के प्रमोशनल इंटरव्यू के दौरान जब उनसे भारत में चल रहे भाषा विवाद पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बड़े ही सरल और सुलझे हुए अंदाज़ में अपना जवाब दिया।आर माधवन का रिएक्शन: "मुझे किसी भाषा से कोई दिक्कत नहीं"माधवन ने कहा, “नहीं, मैंने कभी ऐसा एक्सपीरियंस नहीं किया है। मैं तमिल बोलता हूं, हिंदी बोलता हूं। कोल्हापुर में पढ़ा हूं तो मराठी भी आती है।मुझे कभी किसी भाषा से कोई दिक्कत नहीं रही, ना उस भाषा से जो मुझे आती है, और ना उस भाषा से जो मुझे नहीं आती।”माधवन ने साफ किया कि उनका मानना है कि भाषा इंसानों को जोड़ने का ज़रिया है, न कि तोड़ने का।उनका कहना है कि भारत जैसे देश में जहां हर कुछ किलोमीटर पर भाषा और बोली बदलती है, वहां हमें भाषाओं को लेकर खुले दिल से सोचना चाहिए, न कि विवाद खड़ा करना चाहिए।उन्होंने ये भी बताया कि अलग-अलग जगहों पर रहने और पढ़ाई करने की वजह से उन्हें कई भाषाएं सीखने का मौका मिला, जो उनके करियर के लिए बहुत फायदेमंद रहा। फिल्मों में भी उन्हें इसका फायदा मिला क्योंकि वो कई भाषाओं में एक्टिंग कर पाते हैं।अजय देवगन ने क्या कहा?आर माधवन के बाद जब इस मुद्दे पर अजय देवगन से भी सवाल किया गया, तो उन्होंने अपने अंदाज़ में जवाब दिया।उनकी फिल्म सन ऑफ सरदार 2 का ट्रेलर हाल ही में लॉन्च हुआ है। इसी मौके पर जब उनसे भाषा विवाद पर पूछा गया, तो उन्होंने हंसते हुए कहा, “आता माझी सटकली।”उनके इस मराठी डायलॉग को सुनकर सभी हंस पड़े। यह दिखाता है कि अजय देवगन भी भाषा को लेकर सहज हैं और इसे एकता का जरिया मानते हैं।भाषा विवाद क्यों हो रहा है?भारत में हर कुछ समय में भाषा को लेकर बहस छिड़ जाती है, कभी हिंदी बनाम दक्षिण की भाषाएं, कभी क्षेत्रीय भाषाएं बनाम अंग्रेज़ी।कई लोग मानते हैं कि हिंदी को पूरे देश में थोपना ठीक नहीं, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि एक कॉमन भाषा ज़रूरी है।लेकिन इस बहस में जो चीज़ बार-बार मिस होती है, वो है सम्मान और समझदारी। हर भाषा का अपना एक कल्चर और इमोशन होता है।माधवन जैसे स्टार्स जब ये बात खुले तौर पर कहते हैं कि "जो भाषा मुझे नहीं आती, उससे भी मुझे दिक्कत नहीं", तो ये देश के बाकी लोगों के लिए एक अच्छा मैसेज है।2025: माधवन का धमाकेदार सालभाषा विवाद से हटकर अगर माधवन के वर्कफ्रंट की बात करें, तो 2025 उनके लिए बेहद खास रहा है। साल की शुरुआत में ही उनकी दो फिल्में टेस्ट और केसरी चैप्टर 2 रिलीज़ हो चुकी हैं।अब उनकी नई फिल्म आप जैसा कोई ओटीटी पर रिलीज़ हो गई है, जो कि एक थ्रिलर ड्रामा है।इसके अलावा वो एक बड़ी साउथ फिल्म और धुरंधर नाम की फिल्म में भी काम कर रहे हैं। यानी ओटीटी से लेकर साउथ और हिंदी सिनेमा तक, माधवन इस साल हर प्लेटफॉर्म पर छाए हुए हैं।आर माधवन का भाषा विवाद पर दिया गया जवाब काफी मैच्योर और सुलझा हुआ है। उन्होंने बिना किसी कंट्रोवर्सी में पड़े, अपनी बात साफ शब्दों में कही कि किसी भाषा को लेकर इंसान को भेदभाव नहीं करना चाहिए।उनका कहना कि "जो भाषा आती है उससे भी दिक्कत नहीं, और जो नहीं आती उससे भी कोई दिक्कत नहीं," बहुत कुछ कह देता है।ऐसे एक्टर्स का नजरिया दर्शाता है कि भारत की असली ताकत उसकी विविधता में है, और अगर हम सब एक-दूसरे की भाषा और कल्चर का सम्मान करें, तो देश और भी मज़बूत बन सकता है।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment