बरेली में बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले दोनों बदमाशों को बुधवार शाम गाजियाबाद में नोएडा STF, CI यूनिट दिल्ली और हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया। इनकी पहचान रोहतक के रविंद्र और सोनीपत के अरुण के रूप में हुई है। दोनों बदमाश कथित रूप से रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ के गैंग से जुड़े थे। उनके खिलाफ इनाम भी घोषित था—प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपए का। घटना का पूरा विवरण STF के मुताबिक, बुधवार शाम लगभग 7.22 बजे गाजियाबाद के ट्रॉनिका सिटी एरिया में पुलिस चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान दो बाइक सवार लड़के दिखाई दिए। जैसे ही उन्हें पुलिस ने रोका, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में 4 पुलिसकर्मी घायल हुए और पुलिस की गाड़ी पर भी 4 गोलियां लगीं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने बदमाशों पर फायरिंग की। करीब 15 मिनट तक दोनों तरफ से 25-30 राउंड फायरिंग हुई। दोनों बदमाश घायल होकर अस्पताल ले जाए गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मौके से बरामद सामग्री पुलिस ने मौके से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल, कारतूस और एक सफेद अपाचे बाइक बरामद की। माना जा रहा है कि यही बाइक थी, जिस पर बदमाश बरेली में फायरिंग करने आए थे। CCTV फुटेज में फायरिंग करते हुए बदमाश कैद हुए थे। फायरिंग के समय अरुण ने हेलमेट और सफेद शर्ट, रविंद्र नीली टी-शर्ट पहनी थी। पीछे का कारण 12 सितंबर की सुबह करीब 3.30 बजे बरेली में दिशा पाटनी के घर फायरिंग हुई थी। उस समय घर में दिशा की बहन खुशबू पाटनी, पिता रिटायर्ड DSP जगदीश पाटनी और मां पद्मा पाटनी मौजूद थे। दिशा मुंबई में थीं। फायरिंग की जिम्मेदारी रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ गैंग ने ली। उनका कहना था कि यह हमला संत प्रेमानंद महाराज और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज पर टिप्पणी करने को लेकर किया गया। खुशबू पाटनी ने पहले एक वीडियो में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के लिव-इन रिलेशनशिप वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि ऐसे लोगों को समाज में फॉलो नहीं किया जाना चाहिए और उनके भद्दे बयानों का किसी भी धर्म या संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। इसी विवाद के कारण गैंग ने फायरिंग की योजना बनाई। बदमाशों का आपराधिक रिकॉर्ड ADG लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश के अनुसार, रविंद्र पर हरियाणा में 5 मामले दर्ज हैं। वह 20 दिसंबर 2024 को फतेहाबाद में पुलिस स्कार्ट पर हमला कर एक अपराधी को छुड़ाने की कोशिश में शामिल था। अरुण के खिलाफ भी कई केस दर्ज हैं। एनकाउंटर ऑपरेशन टीम इस ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, STF यूनिट सोनीपत, UP SOG और स्थानीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। फायरिंग के दौरान मुंबई में दिशा पाटनी मौजूद नहीं थीं। घटना का निष्कर्ष यह एनकाउंटर पुलिस और STF के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। दोनों पेशेवर शूटर और खतरनाक बदमाश थे, जो पहले भी कई गंभीर अपराधों में शामिल रहे। पुलिस ने फायरिंग और एनकाउंटर की पूरी प्रक्रिया को काबू में रखते हुए बदमाशों को निशाना बनाया और क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की। Comments (0) Post Comment
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