Microsoft Copilot Vs ChatGPT: कौन है असली AI बादशाह? डेटा में हुआ खुलासा


AI की दुनिया में आज हर कोई सबसे आगे निकलने की कोशिश में लगा है। Microsoft Copilot हो या ChatGPT, Google Gemini हो या DeepSeek, हर बड़ी कंपनी चाहती है कि लोग उसी के AI टूल को सबसे ज़्यादा इस्तेमाल करें, लेकिन असली राजा कौन है? इस सवाल का जवाब अब एक नई रिपोर्ट ने दे दिया है।


सेंसर टॉवर के ताज़ा आंकड़ों से खुलासा


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेंसर टॉवर (Sensor Tower) के ताज़ा डेटा से पता चला है कि दुनिया भर में ChatGPT सबसे ज़्यादा डाउनलोड होने वाला AI चैटबॉट बन चुका है। इसके मुकाबले Microsoft Copilot अभी भी काफी पीछे चल रहा है।


डाउनलोड के आंकड़े कुछ यूं हैं:


  • ChatGPT: 900 मिलियन+ डाउनलोड

  • Google Gemini: 200 मिलियन डाउनलोड

  • DeepSeek: 127 मिलियन डाउनलोड

  • Microsoft Copilot: 79 मिलियन डाउनलोड


यानि साफ है कि ChatGPT फिलहाल सबसे आगे है। दूसरी तरफ, माइक्रोसॉफ्ट का Copilot टूल अभी तक टॉप 3 में भी नहीं आ सका है।


माइक्रोसॉफ्ट का भारी निवेश भी नहीं आया काम में


बात ये भी है कि Microsoft ने AI को लेकर बहुत भारी इन्वेस्टमेंट किया है। कंपनी ने सिर्फ फाइनेंशियल ईयर 2025 में ही 80 अरब डॉलर अपने AI डेटा सेंटर्स पर खर्च कर डाले। Copilot को और ज़्यादा पावरफुल बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी और अपडेट्स लाए गए हैं।


अप्रैल में कंपनी ने अपनी 50वीं एनिवर्सरी पर Copilot के अगले वर्ज़न की झलक भी दी थी, जिसमें इसे ज्यादा स्मार्ट और अडैप्टिव AI बनाने की बात कही गई थी, लेकिन इतना पैसा और कोशिश के बावजूद, यूज़र्स की पसंद कुछ और ही कह रही है।


क्यों पिछड़ रहा है Copilot?


एक्सपर्ट्स का मानना है कि Copilot का इंटरफेस, फंक्शन और यूज़र एक्सपीरियंस ChatGPT जैसा सहज नहीं है।


ChatGPT ने न सिर्फ पहले एंट्री मारी बल्कि लोगों के बीच अपनी उपयोगिता और भरोसेमंद होने का नाम भी जल्दी कमा लिया।


इसके अलावा, Google Gemini भी अपनी जबरदस्त मोबाइल इंटीग्रेशन और गूगल इकोसिस्टम से तेजी से पॉपुलर हो रहा है। DeepSeek जैसी कंपनियां भी एशियाई बाजार में खूब डाउनलोड बटोर रही हैं।


Copilot के पास अब भी मौका है


Microsoft ने Copilot को Windows, Office और Teams जैसे प्रोडक्ट्स में पूरी तरह इंटीग्रेट कर दिया है।


इसका मतलब ये है कि आने वाले महीनों में Copilot के इस्तेमाल में उछाल आ सकता है।


लेकिन क्या वो ChatGPT जैसी पकड़ बना पाएगा? या फिर वो AI रेस में बस निवेश वाला खिलाड़ी बनकर रह जाएगा, ये आने वाला वक्त बताएगा।


आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।


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