भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक अभियान में इस बार सिर्फ सत्ता पक्ष नहीं, बल्कि विपक्ष की दमदार महिला आवाजें भी अहम किरदार में रहीं।सुप्रिया सुले, एमके कनिमोझी और प्रियंका चतुर्वेदी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भेजा, बल्कि उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी भी सौंपी।पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने के लिए 33 देशों में डेलिगेशन भेजा।कुल 59 सदस्यीय डेलिगेशन में 51 नेता और 8 राजनयिक शामिल थे। इनमें से तीन विपक्षी महिला सांसदों की भूमिका सबसे ज्यादा चर्चा में रही।डेलिगेशन के बाद डिनर डिप्लोमेसीअंतरराष्ट्रीय मंच पर मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद जब ये डेलिगेशन भारत लौटा, तो प्रधानमंत्री मोदी ने 7 लोक निर्माण मार्ग स्थित अपने आवास पर इनके साथ डिनर किया।इस अनौपचारिक लेकिन रणनीतिक डिनर में पीएम मोदी ने इन महिला सांसदों से खास बातचीत की, उनका अनुभव जाना और उनकी सराहना की।तस्वीरों में साफ दिखा कि मोदी ने न केवल राजनीतिक मतभेदों से परे जाकर संवाद किया, बल्कि एक राष्ट्रहित का साझा एजेंडा भी सामने रखा।4 देशों की यात्रा, एक स्पष्ट संदेशNCP सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कतर, दक्षिण अफ्रीका, इथियोपिया और मिस्र का दौरा किया।उन्होंने भारत का ये रुख मजबूती से रखा कि पाकिस्तान सिर्फ दक्षिण एशिया ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद का केंद्र है।डिनर के दौरान उन्होंने पीएम मोदी को यशवंतराव चव्हाण पर आधारित दो पुस्तकें भी भेंट कीं और अपने अनुभव साझा किए। सोशल मीडिया पर उन्होंने पीएम को धन्यवाद देते हुए लिखा, “ये जिम्मेदारी हमारे लिए गर्व की बात थी।”5 देशों में भारत की आवाजDMK सांसद और करुणानिधि की बेटी एमके कनिमोझी ने रूस, स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन में भारत का पक्ष रखा।उन्होंने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की तरफ खींचा।डिनर पर उन्होंने पीएम मोदी को अंगवस्त्रम भेंट किया, जिसे पीएम ने सिर पर पहनकर उनका सम्मान स्वीकार किया।यूरोपीय दौरे में पाकिस्तान की पोलशिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, बेल्जियम, इटली और डेनमार्क का दौरा किया।उन्होंने बताया कि पाकिस्तान IMF से लोन लेकर आतंकियों को पालता है, और भारत दशकों से इसका खामियाज़ा भुगत रहा है।डिनर पर पीएम मोदी से उनकी बातचीत उत्साहजनक रही। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री ने हर सदस्य का अनुभव जाना और खुले मन से संवाद किया, ये लोकतंत्र की खूबसूरती है।”राजनीति से परे रणनीतितीनों महिला सांसद आम तौर पर पीएम मोदी के विरोधी स्वर मानी जाती हैं। लेकिन इस पूरे अभियान और उसके बाद हुई मुलाकातें ये दिखाती हैं कि आतंकवाद और राष्ट्रहित जैसे मुद्दों पर सरकार और विपक्ष एकजुट हो सकते हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की ट्रिपल विमेन पावर को खास अहमियत देकर एक मजबूत कूटनीतिक और सियासी संकेत भी दे दिया कि भारत की बात अब दुनिया में हर मंच पर एक स्वर में उठेगी।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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