बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राजनीतिक गलियारे में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ की घोषणा कर दी है। इस पार्टी का चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ रखा गया है। तेज प्रताप ने यह कदम उस समय उठाया है जब वे अपनी पुरानी पार्टी RJD से नाराज हैं और उनके निष्कासन के बाद उन्होंने नई राजनीतिक दिशा लेने का निर्णय किया।तेज प्रताप यादव का संदेशतेज प्रताप यादव ने अपने आधिकारिक X अकाउंट से नई पार्टी का पोस्टर शेयर किया और लिखा कि उनका उद्देश्य बिहार के संपूर्ण विकास के लिए समर्पित होना है। उन्होंने कहा, “हम बिहार में संपूर्ण बदलाव लाने और एक नई व्यवस्था का निर्माण करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तत्पर हैं।”यह स्पष्ट संदेश है कि तेज प्रताप अपने भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल चुके हैं। इससे लालू परिवार में राजनीतिक दरार और भी स्पष्ट नजर आ रही है।लालू परिवार में राजनीतिक दरारतेज प्रताप के कदम के बाद लालू परिवार में भीतरखाने की राजनीति की खबरें तेज हो गई हैं। पार्टी प्रमुख तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच मतभेद खुलकर सामने आए हैं। इसके अलावा लालू की बेटी रोहिणी आचार्य के हाल के ट्वीट और सार्वजनिक गतिविधियों ने भी अटकलों को हवा दी है।रोहिणी आचार्य का रुख47 वर्षीय रोहिणी आचार्य ने अपने X अकाउंट पर स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और परिवार का दायित्व निभाना है। उन्होंने लिखा, “मैंने बेटी और बहन के रूप में अपना कर्तव्य निभाया है और आगे भी निभाती रहूंगी। न तो मैं किसी पद की लालसा रखती हूं और न ही मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है।”आचार्य ने अपने पिता की जान बचाने वाली सर्जरी से जुड़ा वीडियो भी साझा किया, जिससे उनके परिवार के प्रति समर्पण का भाव झलकता है।राजनीतिक गतिविधियों में वापसीरोहिणी आचार्य ने 2022 में अपने पिता को गुर्दा दान करके सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद 2023 में उन्होंने सारण लोकसभा से अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहीं। कुछ समय तक राजनीतिक गतिविधियों से दूरी बनाने के बाद, वह फिर से सार्वजनिक मंच पर सक्रिय हुई हैं और तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में भाग लिया।बिहार की राजनीतितेज प्रताप यादव की नई पार्टी और उनके कदम ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। जनशक्ति जनता दल के गठन से RJD में परिवारिक मतभेद और स्पष्ट हो गए हैं। वहीं, रोहिणी आचार्य का रुख यह दिखाता है कि लालू परिवार के सदस्य अलग-अलग राजनीतिक दृष्टिकोण रख सकते हैं, लेकिन अपने परिवार और समाज के प्रति उनका समर्पण अनसुलझा हुआ है।इस राजनीतिक परिदृश्य के बीच, बिहार विधानसभा चुनाव और लालू परिवार की राजनीति पर सबकी नजरें टिकी हैं। तेज प्रताप की नई पार्टी चुनावी मैदान में किस हद तक असर डालती है, यह आगामी महीनों में स्पष्ट होगा। Comments (0) Post Comment
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