बिहार की राजनीति में इस समय सबसे ज्यादा चर्चा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ की हो रही है। 16 सितंबर को शुरू हुई इस यात्रा ने अब तक कई जिलों में जबरदस्त राजनीतिक माहौल बनाया है। खासकर मोकामा विधानसभा क्षेत्र में उनका अंदाज सुर्खियों में रहा, जब वे घोड़े पर सवार होकर पहुंचे और जनता का अभिवादन किया। यह वही इलाका है जिसे बाहुबली नेता अनंत सिंह का गढ़ माना जाता है। तेजस्वी का यह कदम न केवल प्रतीकात्मक था बल्कि राजनीतिक संदेश से भी भरा हुआ।घोड़े पर सवार होकर पहुंचे मोकामातेजस्वी यादव अपनी यात्रा के दौरान बख्तियारपुर से बेगूसराय जा रहे थे। इसी बीच बाढ़ और मोकामा के बीच उन्होंने अपने रथ से उतरकर घोड़े पर सवारी की। सड़कों पर पहले से मौजूद भारी भीड़ ने उनका जोश के साथ स्वागत किया। तेजस्वी ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया और आशीर्वाद लिया। उनके पीछे समर्थकों का हुजूम चलता रहा। इस दृश्य ने साफ कर दिया कि तेजस्वी इस यात्रा के जरिए अपनी छवि को और मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।5 रैलियों से हुई यात्रा की शुरुआत‘बिहार अधिकार यात्रा’ की शुरुआत तेजस्वी ने पटना के मसौढ़ी से की थी। हालांकि शुरुआत जहानाबाद से करने की योजना थी, लेकिन बाद में इसे बदला गया। पहले ही दिन उन्होंने पटना के मसौढ़ी और फतुहा, नालंदा के इस्लामपुर और हिलसा, और जहानाबाद में कुल पांच रैलियों को संबोधित किया। इन रैलियों में उन्होंने जनता से सीधा संवाद किया और सरकार की नीतियों पर हमला बोला।नीतीश कुमार को सीधी चुनौतीनालंदा, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह क्षेत्र है, वहां भी तेजस्वी ने अपनी ताकत दिखाई। उन्होंने साफ कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे नीतीश को हराने का संकल्प लेकर आए हैं। तेजस्वी ने कहा, “मैं जहां भी जाता हूं, लोग ‘दो हजार पांच से पचीस, बहुत हुआ नीतीश’ का नारा लगाते हैं।” इस बयान से उन्होंने नीतीश कुमार पर सीधा राजनीतिक हमला बोला और जनता के गुस्से को आवाज देने की कोशिश की।चिराग पासवान पर हल्की-फुल्की टिप्पणीतेजस्वी यादव ने इस यात्रा के दौरान चिराग पासवान को लेकर भी बयान दिया, जो काफी चर्चा में रहा। दरअसल, चिराग पासवान का एक पोस्टर सामने आया था जिसमें उन्हें NDA की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया गया था। इस पर तेजस्वी ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर चिराग की ऐसी महत्वाकांक्षा है, तो उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि वे चिराग की शादी को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। तेजस्वी ने कहा, “मैं उनसे छोटा हूं, फिर भी दो बच्चों का पिता हूं। मैं उन्हें बड़ा भाई मानता हूं और उनकी बारात में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।”कार्यकर्ताओं में भरने की कोशिश नया जोशइस पूरी यात्रा का मकसद साफ है—RJD कार्यकर्ताओं और जनता के बीच एक नया जोश और विश्वास जगाना। तेजस्वी यादव युवाओं की राजनीति और विकास के मुद्दों को केंद्र में रखकर खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश करना चाहते हैं। घोड़े पर सवारी, रथ यात्रा और लगातार जनसभाओं के जरिए वे यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि अब वे बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार हैं। कुल मिलाकर, तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। घोड़े पर सवार उनका अनोखा अंदाज और नीतीश कुमार व चिराग पासवान पर उनके बयान यह साबित करते हैं कि वे चुनावी जंग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने की हर कोशिश कर रहे हैं। Comments (0) Post Comment
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: चुनावी तैयारियों का दौरा 30 सितंबर के बाद, तारीखों की संभावना Sep 22, 2025