डोंबिवली विवाद: BJP कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस नेता को साड़ी पहनाई, वीडियो वायरल

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महाराष्ट्र के डोंबिवली में मंगलवार को BJP और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच राजनीतिक विवाद गर्म हो गया। विवाद की शुरुआत तब हुई जब भाजपा कार्यकर्ताओं ने 73 वर्षीय कांग्रेस कार्यकर्ता प्रकाशमामापगारे को पकड़कर जबरन साड़ी पहनाई और इसका वीडियो बनाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

विवाद की वजह: पीएम मोदी की आपत्तिजनक तस्वीर

घटना के पीछे की वजह बताई जा रही है कि पगारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक विकृत और अपमानजनक तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की थी। इसमें प्रधानमंत्री मोदी साड़ी पहने हुए दिखाए गए थे। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तस्वीर के साथ एक भद्दा और अपमानजनक गाना भी शेयर किया गया था, जिससे उनका विरोध भड़क उठा।

वीडियो में नजर आया साड़ी पहनाने का दृश्य

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि BJP कार्यकर्ता मानपाड़ा रोड पर पगारे को पकड़ रहे हैं। विरोध करने के बावजूद, उनके गले में गुलाबी साड़ी डाल दी गई और कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, "भारतीय जनता पार्टी की जय हो!"

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व BJP जिला अध्यक्ष नंदू परब ने किया। उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री की अपमानजनक तस्वीर साझा करना अस्वीकार्य है। अगर भविष्य में ऐसा किया गया, तो भाजपा और कड़ा जवाब देगी।"

कांग्रेस कार्यकर्ता का पक्ष

73 वर्षीय प्रकाश पगारे ने कहा कि उन्होंने बस पुरानी पोस्ट फॉरवर्ड की थी, जिससे भाजपा कार्यकर्ता नाराज हो गए। ANI से बातचीत में पगारे ने बताया कि जब वे अस्पताल में थे, तभी उन्हें BJP नेता संदीप माली का फोन आया। अस्पताल से बाहर आते ही, माली कुछ लोगों के साथ आए और फेसबुक पोस्ट के कारण उन्हें धमकाया।

पगारे ने कहा, “मैंने साफ कहा कि जो वे कर रहे हैं, वह गलत है। इसके खिलाफ मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा।उन्होंने आरोपियों के खिलाफ अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने की बात भी कही।

राजनीतिक तनाव और सोशल मीडिया का असर

यह घटना बताती है कि राजनीतिक विवाद और सोशल मीडिया की पोस्टें कैसे सीधे तनाव और हिंसा को जन्म दे सकती हैं। 73 साल के वृद्ध नागरिक के साथ हुई इस घटना ने राजनीतिक विवादों में हिंसा और अपमान की सीमा को सामने लाया।

विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच बातचीत और शांतिपूर्ण विरोध ही सही मार्ग है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने मुद्दे को और बढ़ा दिया और राजनीतिक दलों के बीच तनाव को उजागर किया।

कुल मिलाकर, डोंबिवली की घटना राजनीतिक विवादों और सोशल मीडिया के प्रभाव को दिखाती है। भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच इस तरह का हंगामा केवल राजनीतिक विरोधाभास ही नहीं बल्कि कानून और व्यक्तिगत सम्मान के मुद्दे को भी सामने लाता है। यह घटना नागरिकों और राजनीतिक दलों को याद दिलाती है कि लोकतंत्र में विरोध और आलोचना शांति और कानून का पालन करते हुए की जानी चाहिए।


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