Delhi : में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और राजधानी के कई निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित हथिनीकुंड बैराज से रविवार को 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस मानसून सीजन का अब तक का सबसे अधिक प्रवाह है। जल विशेषज्ञों का कहना है कि यह पानी 30 से 48 घंटों में दिल्ली पहुंच जाएगा और इसके बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है।केंद्रीय जल आयोग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, रविवार शाम 6 बजे पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर 204.60 मीटर दर्ज किया गया। यह स्तर चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से अधिक है। अनुमान है कि जब हथिनीकुंड से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचेगा तो नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर सकती है। इसका सीधा असर राजधानी के निचले इलाकों और यमुना किनारे बसे गांवों और बस्तियों पर पड़ेगा। सरकार और प्रशासन सतर्कस्थिति की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है। मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा है। दिल्ली सरकार ने खासतौर पर निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इनमें कश्मीरी गेट, आईएसबीटी, यमुना बाजार, गीता कॉलोनी और ITO जैसे संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं।दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने यमुना के तटबंधों और बांधों की निगरानी बढ़ा दी है। पानी के दबाव से कहीं कोई रिसाव या टूट-फूट न हो, इसके लिए इंजीनियरों और कर्मचारियों को चौबीसों घंटे ड्यूटी पर लगाया गया है। पुलिस ने भी गश्त बढ़ा दी है ताकि किसी भी तरह की आपात स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। एजेंसियां अलर्ट परबढ़ते जलस्तर को देखते हुए NDRF को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही दिल्ली जल बोर्ड, नगर निगम, लोक निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे आपात स्थिति के लिए तैयार रहें। जरूरत पड़ने पर निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। राजधानी पर असरयमुना का बढ़ता जलस्तर दिल्ली की रोजमर्रा की जिंदगी पर भी असर डाल सकता है। निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। खासतौर पर आईटीओ और उसके आसपास का इलाका, जो पहले भी जलभराव से जूझ चुका है, इस बार फिर परेशानी का सामना कर सकता है। यमुना बाजार और मछली मंडी जैसे इलाकों में व्यापार प्रभावित हो सकता है, वहीं हजारों लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हो सकते हैं।जल विशेषज्ञों का कहना है कि हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी का प्रवाह इस बार अधिक है और लगातार बारिश की स्थिति में खतरा और भी बढ़ सकता है। दिल्ली में मॉनसून के दौरान यमुना का जलस्तर अक्सर बढ़ता है, लेकिन जब प्रवाह 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक हो जाता है तो हालात बिगड़ने लगते हैं।इसलिए दिल्ली सरकार और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। यमुना किनारे या निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को कहा गया है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देश मिलते ही सुरक्षित स्थानों पर जाने में देर न करें। वही पुलिस और बचाव दल लगातार गश्त कर रहे हैं और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि लोग किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क कर सकें। आगे का खतरामौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में अगले कुछ दिनों तक बारिश जारी रहने की संभावना है। अगर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश होती है तो यमुना का जलस्तर और तेजी से बढ़ सकता है। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की रफ्तार भी इसी पर निर्भर करेगी।जल विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दिल्ली में यमुना 206 मीटर से ऊपर चली जाती है तो हालात गंभीर हो जाएंगे और राजधानी के बड़े हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। Comments (0) Post Comment