यमुना बाढ़: जिलाधिकारी मेधा रूपम ने शरणालय और अस्थायी व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण

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यमुना नदी में बढ़े जलस्तर के कारण प्रभावित परिवारों के लिए बनाई गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने जिलाधिकारी मेधा रूपम सक्रिय रूप से सामने आईं। उन्होंने सदर तहसील के सेक्टर-135 में बनाए गए शरणालय का दौरा किया और वहां की सभी सुविधाओं का जायजा लिया।

 शरणालय में सुविधाओं की समीक्षा

 डीएम ने शरणालय में खानपान, आवास, स्वच्छता, पेयजल, शौचालय और चिकित्सा सुविधाओं की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं। प्रभावित परिवारों ने भी सुविधाओं पर संतोष जताया और प्रशासन की सराहना की।

 बच्चों और महिलाओं के लिए विशेष ध्यान

 शरणालय में चल रही पाठशाला में डीएम ने बच्चों से बातचीत की और उन्हें पढ़ाई का सामान वितरित किया। उन्होंने बच्चों से सवाल पूछकर उनकी पढ़ाई की स्थिति समझी और अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाठशाला नियमित रूप से संचालित की जाए।

 महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड वितरित किए गए। स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए गए कि सभी लोगों की नियमित जांच हो और आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई जाएँ। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को शरणालय की सभी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के निर्देश दिए और कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

 गौशाला और पशु कल्याण की व्यवस्था

 इसके बाद डीएम ने नोएडा सेक्टर-135 में बनी अस्थायी गौशाला का निरीक्षण किया। वहां उन्होंने चारा-पानी, स्वच्छता, पशु चिकित्सा और अन्य सुविधाओं की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं व्यवस्थित रूप से चल रही हैं और जानवरों के लिए पर्याप्त देखभाल की जा रही है।

 पुश्ता रोड पर असुरक्षित निवासी

 निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी पुश्ता रोड, सेक्टर-150 भी गईं। उन्होंने वहां टेंट लगाकर असुरक्षित रूप से रह रहे लोगों से बातचीत की और उन्हें जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए सुरक्षित शरणालयों में जाने के लिए प्रेरित किया।

 डीएम ने बताया कि शरणालयों में भोजन, पानी, चिकित्सा, आवास और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों को असुरक्षित स्थानों से शरणालयों में शिफ्ट करने के लिए प्रेरित किया जाए।

 प्रशासन की सतर्कता

 जिलाधिकारी मेधा रूपम ने स्पष्ट किया कि बाढ़ प्रभावित लोगों की सुरक्षा और सुविधा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि प्रशासन लगातार सभी शरणालयों और अस्थायी व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहा है। प्रत्येक सुविधा की नियमित जांच जरूरी है ताकि प्रभावित परिवारों को किसी भी तरह की परेशानी हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों को सही जानकारी दी जाए और उन्हें डर या हिचकिचाहट के बिना सुरक्षित स्थानों पर आने के लिए प्रेरित किया जाए।

 इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित और व्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना और उनकी मूलभूत जरूरतों को सुनिश्चित करना है। डीएम के निर्देशन में प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि प्रभावित लोग सुरक्षित रहें और उनकी आवश्यकताओं की पूरी व्यवस्था की जाए।

 

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