भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार, 9 सितंबर को चुनाव होने जा रहा है। इस बार एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी ‘इंडिया ब्लॉक’ के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ गया है, खासकर सुदर्शन रेड्डी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की हालिया मुलाकात के बाद। लालू से मुलाकात पर बीजेपी ने कसा तंज बीजेपी ने इस मुलाकात को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर सुदर्शन रेड्डी और लालू प्रसाद यादव की तस्वीर साझा की और इसे संवैधानिक पद के उम्मीदवार के लिए “चौंकाने वाला बयान” बताया। मालवीय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी द्वारा चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात करना न केवल भयानक दिखावा है, बल्कि यह सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर सवाल उठाता है। उन्होंने आगे लिखा कि इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि सामान्य संदिग्धों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और संवैधानिक नैतिकता के संरक्षकों की चुप्पी इस पाखंड को उजागर करती है। मालवीय ने कहा कि उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार इस तरह की मुलाकातों से संवैधानिक मर्यादा को कमजोर कर रहा है। विपक्ष की तैयारी और कांग्रेस का रात्रिभोज उपराष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले, कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन में इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए रात्रि भोज का आयोजन किया। इस बैठक का उद्देश्य विपक्ष की एकजुटता को मजबूत करना और बी. सुदर्शन रेड्डी को समर्थन दिलाना था। यह बैठक इस मायने में महत्वपूर्ण थी कि विपक्ष ने इस चुनाव में एकजुट होकर उम्मीदवार को मजबूती देने की रणनीति बनाई है। इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए यह रात्रिभोज एक तरह से अंतिम राजनीतिक तैयारी का हिस्सा माना जा रहा था। उपराष्ट्रपति पद की रिक्तता उल्लेखनीय है कि उपराष्ट्रपति पद 21 जुलाई से रिक्त है। उस दिन संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपना इस्तीफ़ा दिया था। तब से इस पद के लिए चुनाव की तैयारियाँ चल रही थीं। चुनावी मुकाबला और संभावनाएँ एनडीए की ओर से उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच यह मुकाबला न केवल उपराष्ट्रपति पद के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह राजनीतिक समीकरणों और पार्टियों की ताकत का भी पैमाना माना जा रहा है। सुदर्शन रेड्डी की लोकप्रियता और इंडिया ब्लॉक का समर्थन उन्हें ताकतवर उम्मीदवार बनाता है, वहीं एनडीए की रणनीति और पार्टी आधार सीपी राधाकृष्णन को मजबूत स्थिति देती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस चुनाव में किसी भी अप्रत्याशित घटनाक्रम से नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। दोनों उम्मीदवारों की छवि और उनके समर्थक दलों की सक्रियता चुनाव के परिणाम पर निर्णायक भूमिका निभाएगी। कुल मिलाकर, मंगलवार को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। बीजेपी द्वारा लालू-सुदर्शन रेड्डी मुलाकात पर तंज कसा जाना और विपक्ष की रणनीतिक तैयारियाँ इसे और भी चर्चा का विषय बना रही हैं। चुनाव का परिणाम न केवल उपराष्ट्रपति पद के लिए, बल्कि संसद में राजनीतिक समीकरणों और दलों की रणनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होगा। Comments (0) Post Comment
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