गोरखपुर में NEET छात्र की निर्मम हत्या, ग्रामीणों में गुस्सा

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गोरखपुर के मऊआचापी गांव में 19 साल के NEET की तैयारी कर रहे छात्र दीपक गुप्ता की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया। सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे एक दस-बारह सदस्यीय पशु तस्करों की टीम तीन गाड़ियों से दीपक के गोदाम पर पहुंची। उनका मकसद गोदाम को लूटना था, लेकिन छात्र और ग्रामीणों ने उनका सामना किया।

दीपक को पकड़कर जबरन डीसीएम गाड़ी में बैठाया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। छात्र का शव घर से लगभग चार किलोमीटर दूर फेंक दिया गया। चार घंटे बाद घरवालों को उसका खून से लथपथ शव मिला, जिसमें उसका सिर कुचला हुआ था।

घटना का क्रम

घटना की जानकारी सबसे पहले छात्र के बुआ के लड़के ने दी। दीपक स्कूटी से मौके पर पहुंचा, उसके पीछे 10–15 ग्रामीण भी थे। जब ग्रामीणों और तस्करों का आमना-सामना हुआ, तो तस्करों ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान ग्रामीणों ने एक तस्कर को पकड़ लिया और उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया।

पकड़े गए तस्कर की गाड़ी को ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया। भीड़ के गुस्से को नियंत्रित करने के लिए एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच थाना प्रभारी पुरुषोत्तम मौके पर पहुंचे। लेकिन भीड़ और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई। इस झड़प में एसपी और एक दरोगा घायल हुए।

मृतक और परिवार की कहानी

दीपक गुप्ता 19 साल का था और NEET की तैयारी कर रहा था। वह अपने गांव के पास फर्नीचर की दुकान और आरो प्लांट में रहता था। रात करीब साढ़े 11 बजे उसके भाई प्रिंस और अन्य ग्रामीणों को तस्करों की गतिविधि की सूचना मिली। दीपक मौके पर पहुंचा और उनका सामना किया, लेकिन तस्कर उसे पकड़कर ले गए।

घटना के बाद परिवार रो-रोकर बेहाल हो गया। उसकी मां ने कहा कि उसके बेटे के हत्यारों को कानून के तहत दंडित किया जाए, तभी उसे शांति मिलेगी। भाई प्रिंस और ग्रामीणों ने बताया कि दीपक के शव की तलाश रात 2 बजे शुरू हुई और डेढ़ घंटे की तलाश के बाद उसका शव सरैया गांव के पास मिला।

ग्रामीणों का गुस्सा और हंगामा

दीपक की हत्या की खबर फैलते ही गोरखपुर-पिपराइच रोड पर ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। चार थानों की फोर्स और PAC मौके पर तैनात कर दी गई। भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और तनावपूर्ण माहौल बन गया।

पशु तस्करों की पिकअप में 2–3 मवेशी बरामद हुए। ग्रामीणों ने एक तस्कर को पकड़ लिया और उसे पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इस दौरान पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों में हाथापाई हुई।

प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया

घटना के बाद एसपी और थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों ने तस्करों को छोड़ने पर अड़ गए। पुलिस ने रस्सी लगाकर भीड़ को रोकने का प्रयास किया। अभी तक प्रशासन की ओर से परिवार को कोई विशेष मदद नहीं दी गई है, जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस मामले में सुस्ती बरत रही है।

बहरहाल, गोरखपुर की यह घटना NEET छात्र की हत्या और पशु तस्करों की क्रूरता को उजागर करती है। ग्रामीणों का गुस्सा, पुलिस से टकराव और प्रशासन की धीमी प्रतिक्रिया ने स्थिति और भी गंभीर बना दी है। यह घटना दिखाती है कि अपराध और तस्करी के मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था और आपसी सहयोग अत्यंत जरूरी है।


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