हाल ही में अमेरिका ने अपने H-1B वीजा की फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी है। अब H-1B वीजा की फीस करीब 6 लाख रुपए से बढ़ाकर लगभग 88 लाख रुपए यानी 1 लाख डॉलर कर दी गई है। यह बदलाव अमेरिका जाने वाले हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स और तकनीकी क्षेत्र के युवाओं के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। H-1B वीजा की यह नई फीस केवल एक बार ही लगेगी और रिन्यूअल पर अतिरिक्त शुल्क या नहीं, फिलहाल स्पष्ट नहीं है। इससे पहले H-1B वीजा की फीस 5.5 से 6.7 लाख रुपए के बीच थी।चीन का नया K-वीजाइस बढ़ी हुई फीस के बीच चीन ने अपने नए K-वीजा का ऐलान किया है, जो STEM यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ (गणित) से जुड़े युवाओं और स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए है। चीन के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, K-वीजा 1 अक्टूबर, 2025 से लागू होगा और इसमें विदेशी कैंडिडेट्स को चीनी कंपनी से नौकरी का ऑफर होना जरूरी नहीं है। इससे अमेरिका की H-1B वीजा स्कीम में हुई बढ़ोतरी के कारण परेशान प्रोफेशनल्स के लिए चीन एक नया विकल्प बन सकता है।K-वीजा की खासियतेंK-वीजा की खासियत यह है कि इसमें विदेशी प्रोफेशनल्स को लंबे समय तक चीन में रहने और काम करने की सुविधा मिलेगी। मौजूदा Z-वीजा और R-वीजा की तुलना में K-वीजा में यह सुविधा पहले उपलब्ध नहीं थी। Z-वीजा में किसी चीनी कंपनी से नौकरी लेना अनिवार्य है और यह केवल उस कंपनी के लिए वैध होता है, जबकि K-वीजा में ऐसा कोई बंधन नहीं होगा। इसके अलावा, Z-वीजा की प्रक्रिया लंबी और पेचीदा है, जबकि K-वीजा के माध्यम से प्रोफेशनल्स सीधे आवेदन कर सकते हैं।चीन के टैलेंट प्रोग्रामचीन ने विदेशी टैलेंट को आकर्षित करने के लिए दो नए प्रोग्राम भी लॉन्च किए हैं। पहला टैलेंटेड यंग साइंटिस्ट प्रोग्राम है, जो एशिया और अफ्रीका के 45 साल तक के शोधकर्ताओं को चीन में रिसर्च और काम करने का अवसर देता है। दूसरा आउटस्टैंडिंग यंग साइंटिस्ट फंड प्रोजेक्ट है, जो 40 साल तक के टॉप क्लास वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को चीन आने और काम करने के लिए प्रेरित करता है। इन प्रोग्राम्स के तहत चीन मुख्य विश्वविद्यालयों और रिसर्च संस्थानों में बेहतर सैलरी और बोनस भी देने की योजना बना रहा है।ब्रिटेन में ग्लोबल टैलेंट वीजाइसी बीच ब्रिटेन भी हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स के लिए वीजा फीस कम करने या पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर रहा है। ग्लोबल टैलेंट वीजा के तहत अगर किसी ने दुनिया की टॉप 5 यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है या कोई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीता है, तो उनकी वीजा फीस पूरी तरह माफ की जा सकती है। फिलहाल ब्रिटेन की ग्लोबल टैलेंट वीजा की फीस 766 पाउंड यानी करीब 90 हजार रुपए है, जिसे 26 नवंबर के बजट में हटाया जा सकता है।वैश्विक प्रतिस्पर्धाअमेरिका, चीन और ब्रिटेन की यह पहल इस बात को दर्शाती है कि हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स और तकनीकी प्रतिभाओं के लिए दुनिया के विभिन्न देश आकर्षक विकल्प पेश कर रहे हैं। अमेरिका का H-1B वीजा महंगा होते जा रहा है, जबकि चीन K-वीजा और ब्रिटेन ग्लोबल टैलेंट वीजा के जरिए टैलेंट को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बदलाव से तकनीकी क्षेत्र के युवा अब अपने करियर के लिए अधिक विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।इस तरह, H-1B वीजा की बढ़ी हुई फीस ने अमेरिका जाने की राह मुश्किल बना दी है, वहीं चीन का K-वीजा और ब्रिटेन की संभावित फीस माफी प्रोफेशनल्स के लिए नए अवसर खोल रहे हैं। यह वैश्विक प्रतिस्पर्धा अब तकनीकी टैलेंट्स के लिए देशों के आकर्षण और नीति में बदलाव का नया दौर शुरू कर रही है। Comments (0) Post Comment
ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और पुर्तगाल ने फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी Sep 22, 2025