गाजियाबाद में अजीबोगरीब मामला: पति बोला- “नोरा फतेही जैसा फिगर बनाओ”, पत्नी ने लगाई मदद की गुहार

गाजियाबाद में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहाँ एक महिला ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस से मदद मांगी है। पत्नी का कहना है कि उसका पति रोज़ उसे दो घंटे जिम में एक्सरसाइज़ करने के लिए मजबूर करता है और भोजन तक नहीं करने देता। पति की शर्त यह है कि यदि वह उसके साथ रहना चाहती है तो उसे बॉलीवुड एक्ट्रेस नोरा फतेही जैसी फिगर बनानी होगी।

 पत्नी की आपबीती

 जी हाँ दरअसल, महिला ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद से उसका पति अक्सर उसके शरीर को लेकर टिप्पणी करता रहा। शुरुआत में वह इसे मज़ाक समझकर नज़रअंदाज़ करती रही, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति बिगड़ती गई। पति ने स्पष्ट कह दिया कि उसे अपनी पत्नी से सिर्फ़ तभी खुशी मिलेगी जब उसका फिगर फिल्मों की हीरोइनों जैसा होगा।

 पत्नी के अनुसार, पति रोज़ाना उसे जिम ले जाता है और सख्ती से दो घंटे कसरत कराता है। इतना ही नहीं, खाने-पीने पर भी रोक लगाई जाती है। महिला ने पुलिस को बताया"वो कहता है कि अगर मेरे साथ रहना है तो तुम्हें नोरा फतेही जैसा फिगर बनाना पड़ेगा। मुझे भूखा रखता है और जबरन एक्सरसाइज़ कराता है।"

 पुलिस में शिकायत दर्ज

 जिसके बाद अब मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से परेशान होकर महिला ने आखिरकार हिम्मत जुटाई और गाजियाबाद के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और पति को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

 सोशल मीडिया में चर्चा

 अब जैसे ही यह मामला सामने आया, सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कई लोगों ने पति के व्यवहार की कड़ी आलोचना की और कहा कि किसी भी रिश्ते की नींव आपसी समझ, भरोसे और सम्मान पर टिकी होती है, कि शारीरिक सुंदरता या फिगर पर।

 महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह मामला सिर्फ़ एक महिला का निजी संघर्ष नहीं है, बल्कि समाज के उस सोच को दर्शाता है जहाँ महिलाओं को अक्सर उनकी शारीरिक बनावट के आधार पर आंका जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मानसिक उत्पीड़न का एक गंभीर रूप है और ऐसी सोच पर सख़्त रोक लगानी चाहिए।

 विशेषज्ञों की राय

 साइकोलॉजिस्ट्स का मानना है कि ऐसे मामलों में महिलाओं को तुरंत आवाज़ उठानी चाहिए। रिश्ते में अगर दबाव या ज़बरदस्ती हो, तो वह स्वस्थ रिश्ता नहीं कहलाता। किसी भी व्यक्ति पर उसकी इच्छा के विरुद्ध जीवनशैली थोपना मानसिक हिंसा की श्रेणी में आता है।

 बहरहाल, गाजियाबाद का यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है। यह हमें याद दिलाता है कि रिश्तों में बराबरी और सम्मान सबसे अहम है। किसी भी इंसान की क़ीमत उसके शरीर या फिगर से नहीं, बल्कि उसके व्यक्तित्व, भावनाओं और आपसी विश्वास से तय होती है।

 वही महिला ने साहस दिखाते हुए अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। अब देखना होगा कि कानून इस मामले में क्या रुख अपनाता है। लेकिन इतना तय है कि इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं आधुनिक समाज के चमक-दमक के बीच हम रिश्तों की असली नींव को तो नहीं खो रहे।

 

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