लोटस पनाश सोसायटी में आवारा कुत्तों को पकड़ने आई टीम और डॉग लवर्स आमने-सामने

नोएडा के सेक्टर-110 स्थित लोटस पनाश सोसायटी में रविवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब प्राधिकरण की टीम आवारा कुत्तों को पकड़ने पहुंची। दरअसल, 17 अगस्त को सोसायटी में एक छोटे बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद निवासियों ने प्राधिकरण से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। शिकायत पर तुरंत टीम भेजी गई, लेकिन मामला उस समय बिगड़ गया जब डॉग लवर्स बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और विरोध करने लगे।

 घटना कैसे बढ़ी

 प्राधिकरण की टीम जैसे ही सोसायटी में दाखिल हुई, वहां मौजूद कुछ लोगों ने कुत्तों को पकड़ने का विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि सोसायटी में रहने वाले कुत्तों को कहीं और ले जाना अमानवीय है। सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई की खबर तेजी से फैल गई, जिसके बाद अलग-अलग जगहों से डॉग लवर्स इकट्ठा हो गए। देखते ही देखते भीड़ बढ़ती गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया।

 डॉग लवर्स का तर्क

 डॉग लवर्स का कहना था कि आवारा कुत्ते सोसायटी के माहौल का हिस्सा हैं और उन्हें अचानक पकड़कर कहीं और भेजना सिर्फ क्रूरता है बल्कि उनके लिए खतरनाक भी हो सकता है। उनका कहना था कि समाधान का तरीका यह नहीं कि कुत्तों को जबरन हटाया जाए, बल्कि उन्हें टीकाकरण और सही देखभाल के ज़रिए सोसायटी में सुरक्षित रखा जा सकता है।

 निवासियों की चिंता

 वहीं, दूसरी ओर कई निवासी गुस्से और चिंता से भरे नज़र आए। बच्चे के घायल होने की घटना ने उन्हें डरा दिया है। उनका कहना है कि पहले भी कई बार सोसायटी में कुत्तों के काटने या बच्चों को दौड़ाने की घटनाएं हो चुकी हैं। इस वजह से लोग अब अपने बच्चों को पार्क में खेलने भेजने से डरते हैं। निवासियों ने साफ कहा कि अगर कुत्तों को नियंत्रित नहीं किया गया तो किसी भी वक्त बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

 पुलिस का हस्तक्षेप

 मामले ने जब तूल पकड़ा तो पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। हालांकि, इसके बावजूद गतिरोध बना रहा। डॉग लवर्स ने टीम को कार्रवाई करने से रोक दिया और नारेबाजी करने लगे। वहीं, प्राधिकरण की टीम का कहना था कि वे केवल निवासियों की शिकायत पर कार्रवाई कर रहे हैं और उनका मकसद कुत्तों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि सोसायटी की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

 समाधान की तलाश

 लंबी बहस और हंगामे के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने की अपील की। फिलहाल, प्राधिकरण ने कहा है कि वह इस मुद्दे पर आगे की रणनीति बनाने के लिए पशु कल्याण संगठनों और सोसायटी निवासियों से बातचीत करेगा।

 बहरहाल, यह पूरा मामला एक बार फिर उस बहस को सामने ले आया है जिसमें लोगों की सुरक्षा और पशु अधिकारों के बीच संतुलन की चुनौती खड़ी होती है। एक ओर जहां लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर डॉग लवर्स का कहना है कि जानवरों के प्रति क्रूरता किसी भी समस्या का हल नहीं हो सकता। अब देखना यह होगा कि प्रशासन किस तरह दोनों पक्षों को संतुलित करते हुए कोई व्यावहारिक समाधान निकाल पाता है।

 

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