गाज़ियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में आने वाले खोड़ा कॉलोनी में पानी की भारी किल्लत ने लोगों की ज़िंदगी को एक बार फिर से बेहाल कर रखा है।इलाके में कई दिनों से नल सूखे पड़े हैं और टैंकरों की व्यवस्था भी नाकाफी साबित हो रही है। बढ़ती समस्या के बीच अब स्थानीय लोगों के सब्र का बांध टूटने लगा है।इस जनसमस्या को लेकर अब सामाजिक संगठन भीम आर्मी ने मोर्चा संभाल लिया है। संगठन ने ऐलान किया है कि 3 अगस्त को खोड़ा में पानी की समस्या को लेकर बड़ा धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।भीम आर्मी के पदाधिकारियों और आजाद समाज पार्टी के नेताओं ने सोमवार को खोड़ा में बैठक की, जिसमें इस आंदोलन की रणनीति बनाई गई।बैठक में शामिल पार्टी के संस्थापक सदस्य आफताब अली ने स्पष्ट कहा कि ये आंदोलन किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत नहीं, बल्कि पूरी तरह से जनता की मूलभूत जरूरतों से जुड़ा संघर्ष है।पानी की किल्लत से नाराज़ जनता, प्रशासन पर लगाया उदासीनता का आरोपआफताब अली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि खोड़ा में हालात बेहद खराब हैं। पानी के लिए सुबह से शाम तक लोग भटकते हैं। कई जगह तो हफ्तों से नल में एक बूंद पानी नहीं आया।उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नजर नहीं आता।स्थानीय लोगों की माने तो खोड़ा में पानी की सप्लाई बेहद अस्थिर है। कभी दो दिन में एक बार टैंकर आता है, तो कभी पूरा मोहल्ला सूखा पड़ा रहता है।महिलाओं और बच्चों को भी पानी की तलाश में भटकना पड़ता है। अब हालात ऐसे बन गए हैं कि लोग घरों की बजाय सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।‘अब चुप नहीं बैठेंगे, ये हर नागरिक की लड़ाई’ - भीम आर्मीभीम आर्मी ने साफ कर दिया है कि ये सिर्फ खोड़ा की नहीं, बल्कि हर उस इंसान की लड़ाई है जो अपनी मूलभूत जरूरत, पानी, के लिए तरस रहा है। संगठन ने कहा कि अब आवाज़ उठाने का वक्त आ गया है।3 अगस्त को होने वाले धरने में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र-युवा शामिल होंगे।मांग बिल्कुल साफ है, नियमित पानी की सप्लाई बहाल की जाए, टैंकरों की संख्या बढ़ाई जाए और इलाके में पेयजल व्यवस्था को स्थायी समाधान मिले।भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के नेता इस आंदोलन को सड़क से संसद तक ले जाने का ऐलान कर चुके हैं।उन्होंने कहा कि जब तक खोड़ा की जनता को पर्याप्त और साफ पानी नहीं मिलेगा, तब तक ये संघर्ष थमेगा नहीं।प्रशासन पर दबाव बढ़ा, 3 अगस्त को दिखेगा जनता का गुस्साधरना-प्रदर्शन की घोषणा के बाद अब प्रशासन पर भी दबाव बढ़ने लगा है। स्थानीय स्तर पर अफसरों की बैठकें हो रही हैं, लेकिन जनता का भरोसा अब टूट चुका है।इलाके के कई बुजुर्गों का कहना है कि सालों से पानी की समस्या झेल रहे हैं, लेकिन हर बार सिर्फ वादे किए जाते हैं, काम कोई नहीं करता।3 अगस्त को होने वाला धरना खोड़ा की जनता के आक्रोश का प्रतीक बनता जा रहा है। ये सिर्फ पानी के लिए नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ एक जनजागरण भी बन चुका है।देखना होगा कि भीम आर्मी और स्थानीय लोगों का ये संघर्ष प्रशासन को आखिरकार ठोस कदम उठाने पर मजबूर कर पाता है या नहीं।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment
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