साल 1914 में 28 जुलाई के दिन की सुबह इतिहास में एक ऐसे मोड़ की तरह दर्ज हुई, जिसने न केवल यूरोप बल्कि पूरी दुनिया का नक्शा बदल दिया।उस दिन ऑस्ट्रिया-हंगरी के युवराज फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या के बाद ऐसा तूफान उठा, जिसमें 1.5 करोड़ से ज्यादा जानें चली गईं और पूरी दुनिया 2 हिस्सों में बंट गई।दरअसल, युवराज की हत्या के बाद ऑस्ट्रिया ने सर्बिया पर हमला बोल दिया और यहीं से शुरू हुई वो जंग, जिसे हम आज प्रथम विश्व युद्ध के नाम से जानते हैं।कौन थे फ्रांज फर्डिनेंड और क्यों मारे गए?फ्रांज फर्डिनेंड, ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी थे। 28 जून 1914 को वो अपनी पत्नी सोफी के साथ साराजेवो (अब बोस्निया की राजधानी) के दौरे पर थे।वहीं, एक सर्ब राष्ट्रवादी संगठन 'ब्लैक हैंड' से जुड़े गावरिलो प्रिंसिप नाम के युवक ने उन्हें गोली मार दी। इस हत्या का मकसद बोस्निया को ऑस्ट्रिया-हंगरी के कब्जे से छुड़ाकर सर्बिया से मिलाना था।कैसे इस हत्या से भड़क गया विश्व युद्ध?हत्या के बाद ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया को एक सख्त अल्टीमेटम भेजा। सर्बिया ने इसे पूरी तरह मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।गौर करने वाली बात ये है कि यूरोप पहले से ही दो सैन्य गुटों में बंटा हुआ था, 'मित्र राष्ट्र' और 'मध्य शक्तियाँ'।जैसे ही एक देश युद्ध में कूदा, उसके साथ जुड़े देश भी उसमें शामिल होते चले गए। देखते ही देखते ये युद्ध यूरोप से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया।कौन-कौन से देश शामिल हुए और कितनी तबाही हुई?बात करें शामिल देशों की, तो करीब 30 देश इस जंग में उतर आए। 'मध्य शक्तियों' में ऑस्ट्रिया-हंगरी, जर्मनी, ऑटोमन साम्राज्य (अब तुर्की) और बुल्गारिया थे।वहीं 'मित्र राष्ट्रों' में सर्बिया, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जापान और बाद में अमेरिका शामिल हुए।4 साल चले इस युद्ध में करीब 1.5 करोड़ लोग मारे गए और 2 करोड़ से ज्यादा घायल हुए। लाखों लोग बेघर हुए।पहली बार जहरीली गैस, टैंक, पनडुब्बी, मशीनगन और हवाई हमले जैसे विनाशकारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ।युद्ध का अंत कैसे हुआ और क्या था इसका असर?साल 1918 में जर्मनी और उसके सहयोगियों को हार का सामना करना पड़ा। 11 नवंबर को युद्धविराम हुआ और फिर 1919 में वर्साय की संधि पर दस्तखत किए गए।इस संधि में जर्मनी को युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। भारी जुर्माना लगाया गया। ऑस्ट्रिया-हंगरी और ऑटोमन साम्राज्य टूट गए। कई नए देश बने, जैसे पोलैंड, यूगोस्लाविया और चेकोस्लोवाकिया।वहीं, समाज में असंतोष, बेरोजगारी और अस्थिरता बढ़ी। महिलाओं ने पहली बार बड़ी संख्या में कामकाजी भूमिका निभाई। युद्ध के बाद का तनाव इतना ज्यादा था कि इससे द्वितीय विश्व युद्ध की नींव पड़ गई।क्या थी वर्साय की संधि और क्यों बनी नए युद्ध की वजह?वर्साय की संधि जर्मनी और मित्र देशों के बीच एक शांति समझौता थी, जिस पर 28 जून 1919 को दस्तखत हुए।इसमें जर्मनी को युद्ध का पूरा दोषी ठहराया गया और उसके भू-भाग, सेना और अर्थव्यवस्था पर कई सख्त पाबंदियां लगाई गईं।जर्मनी को अल्सेस-लोरेन जैसे इलाके वापस फ्रांस को देने पड़े। सार क्षेत्र 15 साल के लिए लीग ऑफ नेशंस को सौंपा गया। अमेरिका इस संधि का हिस्सा नहीं बना और लीग कमजोर साबित हुई।दरअसल, संधि की शर्तें इतनी सख्त थीं कि इससे जर्मनी में नाराजगी और गरीबी बढ़ी, जिसने आगे चलकर हिटलर और नाज़ीवाद को जन्म दिया। यही द्वितीय विश्व युद्ध की वजह बना।इस युद्ध ने बदल डाला पूरी दुनिया का नक्शाएक राजकुमार की हत्या से शुरू हुई ये जंग इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक साबित हुई। लाखों परिवार उजड़ गए।नई सीमाएं खींची गईं, और दुनिया की राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था की दिशा हमेशा के लिए बदल गई।फिलहाल तो ये है कि आज भी प्रथम विश्व युद्ध हमें ये सबक देता है कि एक छोटी-सी घटना भी अगर हालात सही न हों, तो वो पूरी दुनिया को खून में डुबो सकती है।आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ। Comments (0) Post Comment