ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में 26 वर्षीय निक्की भाटी की दहेज के लिए कथित तौर पर प्रताड़ना और हत्या के मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों—पति विपिन भाटी, सास दया (55), ससुर सत्यवीर (55), और जेठ रोहित भाटी (28)—को गिरफ्तार कर लिया है। यह सनसनीखेज मामला 21 अगस्त 2025 को सामने आया, जब निक्की को उसके ससुराल में कथित तौर पर पीटकर और ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी गई। वह 70% जलने के कारण दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ गई। अब परिवार और समाज के बीच यह मामला चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि एक बार फिर दहेज की कुरीति ने एक बहू की जान ले ली। क्या है पूरा मामला? दरअसल, निक्की की शादी ग्रेटर नोएडा के एक परिवार में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही उस पर दहेज की मांग को लेकर दबाव बनाए जाने की शिकायतें सामने आने लगीं। बताया जा रहा है कि निक्की पर उसके पति और परिवार वाले बार-बार मायके से मोटा दहेज लाने का दबाव डालते थे। जब निक्की ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट और मानसिक प्रताड़ना का सिलसिला शुरू हो गया। वही निक्की की बड़ी बहन कंचन, जो उसी परिवार में रोहित भाटी की पत्नी है, उसने शिकायत दर्ज की कि विपिन ने निक्की को गला दबाकर बेहोश किया और फिर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी। यह सब निक्की के 6 साल के बेटे और कंचन के सामने हुआ। बच्चे ने पुलिस को बताया, "पापा ने मम्मा पर कुछ डाला, थप्पड़ मारा, फिर लाइटर से आग लगा दी।" दहेज की मांग निक्की के पिता भिखारी सिंह पायला ने बताया कि 2016 में शादी के समय स्कॉर्पियो SUV, बुलेट बाइक, सोना और नकदी दी गई थी, लेकिन ससुराल वालों ने 36 लाख रुपये और लग्जरी कार की मांग की। कंचन ने भी दहेज के लिए लगातार प्रताड़ना की बात कही। निक्की के पिता ने कहा, "मेरी बेटी को जला दिया, इन राक्षसों को फांसी होनी चाहिए।" उन्होंने सास दया को साजिश का मास्टरमाइंड बताया। समाजवादी पार्टी की महिला विंग ने भी इस हत्याकांड की निंदा की और कठोर सजा की मांग की। पुलिस की कार्रवाई ग्रेटर नोएडा पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए निक्की के पति समेत चारों ससुराल पक्ष के लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें उसका पति, जेठ, सास और ससुर शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सबूतों और गवाहों के आधार पर कार्रवाई की गई है और आरोपियों से पूछताछ जारी है। परिवार का दर्द निक्की के परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी हमेशा खुश रहती थी, लेकिन शादी के बाद उसका जीवन नरक बन गया। उन्होंने कई बार निक्की को मायके बुलाया, लेकिन समाज और रिश्तों की मर्यादा को देखते हुए बार-बार उसे ससुराल भेजना पड़ा। परिजनों ने आंसुओं के बीच सवाल उठाया कि आखिर कब तक बहुओं को दहेज के नाम पर कुर्बानी देनी पड़ेगी? समाज में गूंज यह मामला केवल ग्रेटर नोएडा ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। महिला अधिकार संगठनों ने घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक दहेज जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं। बहरहाल, निक्की दहेज कांड समाज के सामने एक गहरी चोट की तरह है। यह हमें बार-बार याद दिलाता है कि दहेज की कुप्रथा आज भी ज़िंदा है और उसकी वजह से कितनी मासूम ज़िंदगियाँ बर्बाद हो रही हैं। पुलिस की कार्रवाई से पीड़ित परिवार को थोड़ा भरोसा ज़रूर मिला है, लेकिन असली न्याय तभी होगा जब आरोपियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले। Comments (0) Post Comment
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