कर्नाटक की राजनीति इन दिनों आरएसएस गीत को लेकर गरमाई हुई है। राज्य के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने विधानसभा में चर्चा के दौरान आरएसएस के गीत की कुछ पंक्तियां गाकर सियासी हलचल मचा दी थी। उनके इस कदम से न केवल विपक्ष बल्कि उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस के नेता भी हैरान रह गए। मामला जब बढ़ने लगा तो शिवकुमार को सफाई देनी पड़ी और अब उन्होंने माफी मांगते हुए साफ किया कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने की नहीं थी। विवाद कैसे शुरू हुआ? दरअसल, विधानसभा में चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ की घटना पर बहस चल रही थी। इसी दौरान अचानक डिप्टी सीएम शिवकुमार ने आरएसएस का गीत गाना शुरू कर दिया। सदन में मौजूद सदस्य पहले तो हैरान रह गए, वहीं कई कांग्रेस विधायकों के चेहरे पर भी अजीब सी प्रतिक्रिया देखने को मिली। चूंकि आरएसएस हमेशा से कांग्रेस की वैचारिक प्रतिद्वंद्वी रही है, ऐसे में पार्टी के भीतर भी इस पर सवाल उठने लगे। बीजेपी का तंज और कांग्रेस की असहजता शिवकुमार की इस हरकत पर बीजेपी ने तुरंत हमला बोला और इसे कांग्रेस की “विचारधारा में भ्रम” करार दिया। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भी डिप्टी सीएम से इस तरह का गीत गाने पर सवाल खड़े किए। यह मामला धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि शिवकुमार को सार्वजनिक रूप से सफाई देनी पड़ी। शिवकुमार की सफाई और माफी डीके शिवकुमार ने कहा कि उनकी टिप्पणी महज़ मजाक में थी और उन्होंने बीजेपी पर तंज कसने के लिए गीत गाया था। उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस और बीजेपी गठबंधन या किसी भी समुदाय को मेरी वजह से ठेस पहुँची है, तो मैं माफी मांगता हूं। मैं उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता था। मेरे कुछ दोस्त इस मुद्दे का राजनीतिक फायदा उठाने और जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।” शिवकुमार ने यह भी साफ किया कि इस पूरे विवाद में पार्टी का कोई दबाव उन पर नहीं है और यह उनका व्यक्तिगत बयान था। “कांग्रेस में ही रहूंगा और कांग्रेस में ही मरूंगा” शिवकुमार ने इस विवाद को खत्म करने की कोशिश करते हुए अपनी कांग्रेस निष्ठा पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार पर सवाल उठाना किसी के लिए संभव नहीं है और वे हमेशा कांग्रेस के साथ खड़े रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं जन्मजात कांग्रेसी हूं और कांग्रेस में ही मरूंगा। मेरी टिप्पणी का गलत मतलब निकाला जा रहा है, जबकि यह सिर्फ बीजेपी को घेरने की एक कोशिश थी।” मामला क्यों बढ़ा? दरअसल, कांग्रेस की राजनीति में आरएसएस का नाम लेना या उसका गुणगान करना पार्टी की आधिकारिक लाइन से मेल नहीं खाता। ऐसे में शिवकुमार जैसे बड़े नेता द्वारा सदन में आरएसएस का गीत गाना कई कांग्रेसियों को असहज कर गया। इस मुद्दे पर एक और कांग्रेस विधायक एचडी रंगनाथ ने भी आरएसएस प्रार्थना की कुछ लाइनें गाईं और उसकी तारीफ की, जिससे विवाद और गहरा गया। बहरहाल, कर्नाटक में यह विवाद एक बार फिर साबित करता है कि आरएसएस और कांग्रेस की वैचारिक जंग कितनी गहरी है। डीके शिवकुमार के गीत गाने से शुरू हुआ मामला अब माफी तक पहुँच चुका है, लेकिन यह घटना आने वाले दिनों में कांग्रेस की आंतरिक राजनीति और बीजेपी की रणनीति दोनों को प्रभावित कर सकती है। Comments (0) Post Comment
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