बिहार की राजनीति इन दिनों फिर गरमा गई है। मामला है महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे का। दरअसल रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जब मीडिया ने यह सीधा सवाल पूछा कि क्या तेजस्वी यादव गठबंधन की ओर से सीएम फेस होंगे, तो उन्होंने जवाब देने से कन्नी काट ली। इसी बात को लेकर बीजेपी ने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला और उन्हें "अहंकारी" तक कह डाला। राहुल गांधी का जवाब बता दें, अररिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने राहुल गांधी से यह पूछा कि आखिर कांग्रेस ने अब तक तेजस्वी यादव को महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार क्यों नहीं घोषित किया, तो राहुल का जवाब बड़ा गोलमोल रहा। उन्होंने कहा— “इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगी दल आपसी सम्मान और सहयोग की भावना से बिना किसी तनाव के साथ काम कर रहे हैं। हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे और अच्छे नतीजे लाएंगे।” यानी, उन्होंने सीधा-सीधा यह कहने से बचा लिया कि तेजस्वी महागठबंधन का चेहरा होंगे या नहीं। दिलचस्प बात यह रही कि इस दौरान तेजस्वी यादव खुद राहुल गांधी के बगल में ही बैठे थे। बीजेपी का पलटवार अब राहुल के इस रुख पर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला। पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा— “बिहार में कांग्रेस का अस्तित्व पूरी तरह राजद पर टिका है। अगर राजद गठबंधन तोड़ दे, तो कांग्रेस शायद सभी सीटों पर उम्मीदवार भी खड़ा न कर पाए।" मालवीय ने आगे कहा कि राहुल गांधी का "अहंकार" देखिए— जब उनसे पूछा गया कि तेजस्वी सीएम फेस होंगे या नहीं, तो उन्होंने साफ-साफ जवाब देने से इंकार कर दिया। "तेजस्वी बने हुए हैं राहुल के पीछे-पीछे" बीजेपी नेताओं ने राहुल और तेजस्वी के रिश्ते को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव राहुल गांधी के पीछे-पीछे ऐसे घूम रहे हैं जैसे कोई नौकर अपने मालिक के पीछे चलता है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि बिहार की जनता यह सब देख रही है और समझ भी रही है। पार्टी नेताओं के मुताबिक, कांग्रेस और राजद के बीच का यह गठबंधन सिर्फ और सिर्फ सत्ता के लालच पर टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ही वह "गोंद" है, जो दोनों पार्टियों को आपस में जोड़े हुए है। समीकरण पर उठ रहे सवाल राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी के रवैये ने महागठबंधन के भीतर की असहजता को और उजागर कर दिया है। एक तरफ तेजस्वी यादव ने हाल ही में बयान देकर यह तक कह दिया था कि लोकसभा चुनावों के बाद राहुल गांधी को प्रधानमंत्रीबनना चाहिए। दूसरी तरफ, राहुल कांग्रेस की ओर से तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करने से बचते दिख रहे हैं। यह स्थिति महागठबंधन के अंदर नेतृत्व संकट की ओर इशारा करती है। खासकर तब, जब बिहार की राजनीति में आरजेडी की ताकत कांग्रेस से कहीं ज्यादा है। बहरहाल, अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या महागठबंधन खुले तौर पर तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करता है या फिर कांग्रेस इस सवाल से यूं ही बचती रहेगी। फिलहाल इतना तय है कि बीजेपी इस मुद्दे को चुनावी हथियार की तरह इस्तेमाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। Comments (0) Post Comment
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