कंबोडिया की वो 5 चीजें जो दुनिया में किसी और देश के पास नहीं, असली दौलत यही है।

सोमवार को दोनों देशों ने लड़ाई रोकने के लिए सीजफायर यानी युद्धविराम पर सहमति बनाई थी, लेकिन सिर्फ कुछ घंटे बाद ही कंबोडिया ने इस समझौते का उल्लंघन कर दिया।


थाइलैंड ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया की सेना ने बॉर्डर पर फायरिंग और बमबारी की।


वहीं, अब सबकी नजर कंबोडिया पर टिक गई है। एक ओर वह थाइलैंड से उलझा हुआ है, तो दूसरी ओर, दुनिया इस देश की उन 5 चीजों की चर्चा कर रही है, जो इसे खास बनाती हैं।


ये 5 चीजें ऐसी हैं जो दुनिया के किसी और देश के पास नहीं हैं, ना थाइलैंड के पास, ना अमेरिका के पास।


  1. अंगकोर वाट मंदिर: दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक ढांचा


आपको बता दें कि, कंबोडिया की पहचान सबसे पहले अंगकोर वाट मंदिर से होती है। यह पूरी दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक परिसर है जो 162 हेक्टेयर में फैला हुआ है।


इसे 12वीं सदी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने बनवाया था, शुरुआत में ये भगवान विष्णु का मंदिर था, लेकिन बाद में ये बौद्ध मंदिर बन गया।


गौर करने वाली बात ये है कि, इस मंदिर की दीवारों पर रामायण, महाभारत और समुद्र मंथन जैसे हिंदू पौराणिक प्रसंगों की बेहद खूबसूरत नक्काशी देखने को मिलती है।


आज ये मंदिर यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है और दुनियाभर के लोग इसे देखने आते हैं।


  1. टोनले साप झील: मीठे पानी की सबसे बड़ी झील जो साल में 2 बार दिशा बदलती है


फिलहाल, टोनले साप झील भी कंबोडिया की एक और अनोखी पहचान है। ये साउथ ईस्ट एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।


सबसे खास बात ये है कि ये झील हर साल दो बार अपनी बहाव की दिशा बदलती है, मानसून के मौसम में इसका आकार 6 गुना तक बढ़ जाता है।


कहना गलत नहीं होगा कि, ऐसी झील जो खुद ही अपनी दिशा बदल ले, दुनिया में और कहीं नहीं मिलती।


  1. अप्सरा डांस: धार्मिक कहानियों को बताने वाला अनोखा नृत्य


इसके अलावा, अप्सरा डांस भी कंबोडिया की सांस्कृतिक पहचान है। यह एक पारंपरिक नृत्य है जिसमें हिंदू और बौद्ध धर्म की कहानियों को डांस के जरिए दिखाया जाता है। खास हाथों की मुद्राएं, कपड़े और चेहरे के हावभाव इसे बाकी डांस से बिल्कुल अलग बनाते हैं।


यूनेस्को ने भी इस डांस को अपनी सांस्कृतिक विरासत में शामिल किया है। यह आमतौर पर त्योहारों या किसी खास मौके पर किया जाता है।


  1. खमेर लिपि: दुनिया की सबसे लंबी वर्णमाला


वहीं, कंबोडिया की खमेर लिपि को दुनिया की सबसे लंबी वर्णमाला माना जाता है। इसमें 33 व्यंजन, 23 स्वर और 12 स्वतंत्र स्वर शामिल हैं। कुल मिलाकर इसमें 70 से ज्यादा अक्षर हैं।


गौर करें तो, यह लिपि पाली और संस्कृत से भी जुड़ी हुई है और कंबोडिया की सांस्कृतिक जड़ों की पहचान है।


  1. कंबोडिया का झंडा: जिसमें बना है एक मंदिर


आपको जानकर हैरानी होगी कि, कंबोडिया का झंडा दुनिया का अकेला ऐसा झंडा है जिसमें किसी इमारत की तस्वीर बनी है। इसमें सफेद रंग से बना अंगकोर वाट मंदिर नजर आता है।


झंडे में नीला रंग शांति और स्वतंत्रता का, लाल रंग साहस और ताकत का और सफेद रंग धर्म और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है।


कंबोडिया ने भले ही समय-समय पर झंडे बदले हों, लेकिन मंदिर की तस्वीर आज तक हर झंडे का हिस्सा रही है।


बहरहाल, आप क्या सोचते हैं इस खबर को लेकर, अपनी राय हमें नीचे कमेंट्स में जरूर बताएँ।


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