ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
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ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
ज़मीन से जुड़ी सोच और सच्ची खबरें
नोएडा
में
विजयादशमी
के
दिन
समाजवादी
पार्टी (सपा) और उसके कार्यकर्ता एक विवादित पोस्टर को लेकर थाने पहुंचे। पोस्टर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व
ट्विटर) पर
वायरल
हुआ
था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हवन यज्ञ करते हुए दिखाया गया था। पोस्टर के ऊपर लिखा था, “जब
जब
धर्म
की
स्थापना
होती
है, तब तब असुरों को परेशानी होती है।”
पोस्टर
में
राहुल
गांधी, अखिलेश
यादव
और
ममता
बनर्जी
को
राक्षस
रूप
में
दिखाया
गया
था।
यह
पोस्टर
वायरल
होते
ही
समाजवादी
पार्टी
के
कार्यकर्ता
थाना
सेक्टर-24, नोएडा
पहुंचे
और
जमकर
नारेबाजी
की।
थाने में ज्ञापन और कार्रवाई की मांग
सपा
के
जिला
अध्यक्ष
और
कार्यकर्ताओं
ने
पुलिस
को
ज्ञापन
सौंपा।
ज्ञापन
में
उन्होंने
कहा
कि
नोएडा
के
चौड़ा
गांव
के
रहने
वाले
मानव
नामक
व्यक्ति
ने
यह
पोस्टर
बनाया
और X अकाउंट
पर
पोस्ट
किया।
ज्ञापन
में
यह
भी
कहा
गया
कि
इस
पोस्टर
में
समाजवादी
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव, राहुल गांधी और ममता बनर्जी का अपमान किया गया है।
सपा
ने
मांग
की
कि
इस
मामले
में
तुरंत
जांच
की
जाए
और
आरोपी
के
खिलाफ
उचित
कानूनी
कार्रवाई
की
जाए।
पार्टी
ने
यह
भी
बताया
कि
इस
पोस्टर
से
न केवल
उनके
नेताओं
की
छवि
को
नुकसान
पहुंचा
है, बल्कि यह पूरे शहर के सामाजिक और राजनीतिक माहौल को भी प्रभावित कर सकता है।
सोशल मीडिया पर विवाद का असर
विजयादशमी
के
दिन
पोस्टर
वायरल
होने
के
बाद
सोशल
मीडिया
में
गहमागहमी
और
बहस
शुरू
हो
गई।
कई
लोग
इसे
राजनीतिक
उद्देश्यों
के
लिए
बनाया
गया
बताया, जबकि
कुछ
ने
इसे
व्यंग्य
और
धार्मिक
प्रतीकों
का
अपमान
कहा।
सपा
नेताओं
का
कहना
है
कि
यह
पोस्टर
केवल
शहर
के
माहौल
को
बिगाड़ने
और
राजनीतिक
तनाव
बढ़ाने
के
लिए
तैयार
किया
गया
था।
पार्टी
ने
इसे
गंभीर
मामला
बताते
हुए
पुलिस
और
प्रशासन
से
तत्काल
हस्तक्षेप
की
मांग
की।
पुलिस और प्रशासन की तैयारी
थाने
में
ज्ञापन
मिलने
के
बाद
पुलिस
ने
मामले
की
प्राथमिक
जांच
शुरू
कर
दी
है।
पुलिस
अधिकारियों
का
कहना
है
कि
सोशल
मीडिया
पोस्ट
के
संदर्भ
में
डिजिटल
ट्रेल
की
जाँच
की
जा
रही
है
और
जल्द
ही
आरोपी
की
पहचान
कर
कार्रवाई
की
जाएगी।
पुलिस
ने
यह
भी
कहा
कि
विजयादशमी
और
त्योहार
के
मौके
पर
सार्वजनिक
स्थानों
पर
होने
वाले
किसी
भी
तरह
के
विवाद
पर
विशेष
ध्यान
दिया
जा
रहा
है।
सोशल मीडिया और राजनीतिक विवाद का मिश्रण
नोएडा
में
यह
घटना
सोशल
मीडिया
और
राजनीतिक
विवाद
का
मिश्रण
है।
सपा
ने
इस
पोस्टर
को
लेकर
पुलिस
में
शिकायत
दर्ज
कराई
और
आरोपी
के
खिलाफ
कार्रवाई
की
मांग
की।
यह
मामला
दिखाता
है
कि
सोशल
मीडिया
प्लेटफॉर्म
पर
वायरल
सामग्री
किस
तरह
राजनीतिक
और
सामाजिक
माहौल
को
प्रभावित
कर
सकती
है।
सपा
का
कहना
है
कि
ऐसे
पोस्टर
केवल
अपमानजनक
ही
नहीं, बल्कि सामाजिक शांति और राजनीति में सामंजस्य को भी चुनौती देते हैं। प्रशासन और पुलिस की भूमिका इस मामले में महत्वपूर्ण साबित होगी।
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