तेजस्वी यादव पर दोहरी मार: PM मोदी पर 'जुमलों की दुकान' टिप्पणी से यूपी-महाराष्ट्र में FIR

 बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले 24 घंटों में उनके खिलाफ दो अलग-अलग राज्यों—उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र—में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि तेजस्वी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक और अपमानजनक पोस्ट साझा किया था।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, तेजस्वी ने PM मोदी के गया (बिहार) दौरे से पहले एक कार्टून पोस्ट किया था, जिसमें मोदी को एक दुकानदार के रूप में दिखाया गया और दुकान के साइनबोर्ड पर "बयानबाजी की मशहूर दुकान" लिखा था। पोस्ट में उन्होंने लिखा, "आज गया में झूठ और जुमलों की दुकान लगेगी! प्रधानमंत्री जी बिना हड्डी की जुबान से झूठ और जुमलों का हिमालय खड़ा करेंगे, लेकिन बिहार की न्यायप्रिय जनता दशरथ मांझी की तरह इन झूठ के पहाड़ों को तोड़ देगी।" साथ ही, उन्होंने बिहार में NDA के 20 साल और मोदी के 11 साल के शासन का हिसाब मांगा था। पोस्ट वायरल होने के बाद बीजेपी नेताओं और समर्थकों ने इसे प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने वाला और जनभावनाओं को आहत करने वाला बताया।

महाराष्ट्र में FIR: 

जिसके बाद, गढ़चिरौली में BJP विधायक मिलिंद रामजी नरोटे की शिकायत पर गढ़चिरौली पुलिस ने तेजस्वी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, 356, 352, और 353 के तहत मामला दर्ज किया।

उत्तर प्रदेश में FIR: 

वही शाहजहांपुर में BJP महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता की शिकायत पर सदर बाजार थाने में तेजस्वी के खिलाफ BNS की धारा 353(2) और 197(1)(a) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। शिल्पी ने दावा किया कि तेजस्वी की टिप्पणी ने देश की जनता की भावनाओं को आहत किया है और सख्त कार्रवाई की मांग की। यूपी पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर साझा किए गए इस पोस्ट की जांच की जा रही है। पुलिस ने साफ किया कि साइबर टीम यह पता लगा रही है कि पोस्ट किस मकसद से किया गया और इसके पीछे की मंशा क्या थी।

PM मोदी को "पॉकेटमार"

इसके अतिरिक्त, तेजस्वी ने पटना में भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में PM मोदी को "पॉकेटमार" कहकर निशाना साधा, जिसे BJP ने जनभावनाओं के खिलाफ बताया। BJP नेताओं का कहना है कि ऐसी टिप्पणियां न केवल PM के सम्मान को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अशांति भी फैलाती हैं। वहीं, RJD समर्थकों का तर्क है कि तेजस्वी ने बिहार की समस्याओं जैसे महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल उठाने के लिए व्यंग्य का सहारा लिया।

राजनीतिक असर

राजनीतिक दृष्टि से भी यह मामला अहम है। बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव विपक्ष का बड़ा चेहरा माने जाते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री पर इस तरह का विवादित पोस्ट साझा करना न केवल उनकी छवि पर असर डाल सकता है बल्कि आगामी चुनावी रणनीतियों पर भी भारी पड़ सकता है।

हालांकि, RJD की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन तेजस्वी यादव के खिलाफ दो राज्यों में केस दर्ज होने से उनकी राजनीतिक और कानूनी मुश्किलें गहराती नजर आ रही हैं। आने वाले दिनों में जांच की दिशा और कोर्ट की कार्यवाही तय करेगी कि यह मामला कितना आगे बढ़ेगा। फिलहाल इतना तय है कि इस विवाद ने एक बार फिर राजनीति में सोशल मीडिया के इस्तेमाल और उसकी सीमाओं पर बहस छेड़ दी है।


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